From The Desk of Manager

Manager Message

Arvind Pal ji Fatehpur
प्रबन्धक
अरविन्द पाल सिंह

प्रबन्धक जी की कलम से...

वर्ष 2014-15 में “विद्या धनं सर्व धनं प्रधानम” की मान्यता को ध्यान में रखते हुए स्व. हरिपाल सिंह महाविद्यालय रूपी वट वृक्ष को अपने गृह जनपद फतेहपुर के ग्रामीण अंचल नरपतपुर- दमापुर, फतेहपुर (जो फतेहपुर जोनिहाँ मार्ग पर स्थित है) जनपद के युवा छात्र/छात्राओं को स्नातक/ परास्नातक स्तरीय सम्पूर्ण शिक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुकूल रोजगार परक प्रदान करने के उद्देश्य से लगाया है। मेरा एक स्वप्न है कि मेरे जनपद के ग्रामीण क्षेत्र का युवा वर्ग भी “सुनीता विलियम्स एवं इन्दिरा नुई जैसी उड़ान भरें और डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एवं टेसी थॉमस जैसे विश्व विख्यात वैज्ञानिक बनें और उन सबके समक्ष भविष्य निर्माण के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध हो।”

आगामी योजना के अन्तर्गत फतेहपुर के ग्रामीण अंचल में बी.टी.सी. कॉलेज, बी.एड. कॉलेज, महिला महाविद्यालय, पालीटेक्निक एवं आई. टी. आई. खोलने की योजना है। युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के विभिन्न प्रकार के अन्य रोजगार परम पाठ्यक्रम को भी शुरू करने की योजना है जिससे छात्र/छात्राएं वर्तमान में बेरोजगारी की विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए रोजगार प्राप्त कर सकें।

मेरी हार्दिक इच्छा है कि अपने जनपद के ग्रामीण अंचल का युवा वर्ग गुणवत्तापूर्वक शिक्षा प्राप्त करके आगे बढ़े जिससे देश दुनिया में मेरे जनपद का नाम रोशन हो सके। मै गृह जनपद फतेहपुर में इंग्लैण्ड की ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी की स्थापना तो नहीं कर सकता हूँ परन्तु व्यक्तिगत एवं परिवार जनों के सहयोग से गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान की दिशा में कार्य तो कर ही सकता हूँ, सपने देख सकता हूँ और सपने दिखा सकता हूँ जो निश्चित रूप से भविष्य में साकार होंगे। इसी आशा के साथ “पर सेवक पर उपकार में हम, जग जीवन सफल बना जावें” की भावना से प्रेरित होकर आपके सतत् सहयोग का आकांक्षी, आपके ही परिवार का सदस्य हूँ ।

“गुण न हो तो रूप व्यर्थ है, भूख न हो तो भोजन व्यर्थ है।
उपयोग न हो तो धन व्यर्थ है, साहस न हो तो हथियार व्यर्थ है।।
विनम्रता न हो तो विद्या व्यर्थ है, विद्या न हो तो जीवन व्यर्थ है।।”

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